उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा परिषद् ने स्वतंत्रता सेनानी हरिभाऊ उपाध्याय द्वारा आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी पर लिखा आलेख दसवीं की पाठ्य-पुस्तक से किन्ही अन्य चार पाठों के साथ निकाल दिया है।आचार्य द्विवेदी हिंदी गद्य के प्रमुख निर्माताओं में से हैं। वे हिंदी पत्रकारिता के भी पुराधाओं में हैं। ‘सरस्वती’ के माध्यम से उन्होंने अनेकों कवियों, लेखकों, पत्रकारों और संपादकों का मार्गदर्शन किया एवं प्रोत्साहन दिया। इसी कारण उनका समय हिंदी साहित्य के इतिहास में ‘द्विवेदी युग’ या ‘सरस्वती युग’ के नाम से याद किया जाता है। साधारण और सीमित सुविधाओं के होते हुए उन्होंने माँ भारती की अथक सेवा की। द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति ने इसके विरुद्ध अभियान प्रारंभ किया है।संपूर्ण हिंदी जगत् को इस अन्याय का विरोध करना चाहिए। ऐसा अदूरदर्शी कदम हिंदी का अपमान है। ऐसा उत्तर प्रदेश जैसे हिंदी भाषी राज्य में हो, यह और भी आश्चर्यजनक और खेद का विषय है।
Source: http://sahityaamrit.in/details.asp?
No comments:
Post a Comment