Sardar Patel said, "you {Muslims) must change your attitude, adapt yourself to the changed condition …don't pretend to say ' Oh, our affection is great for you'. We have seen your affection ….Let us forget the affection. Let us face the realities. Ask yourself whether you really want to stand here and cooperate with us or you want to play disruptive tactics …"
(The Unfinished Agenda edited by Mushirul Hasan, 2001, page 113).
Source: http://www.southasiaanalysis.org/paper767
सरदार पटेल ने कहा, " आपको (मुसलमानों) निश्चित तौर पर अपना व्यवहार बदलना चाहिए, खुद को बदली हुई परिस्थिति के अनुसार ढालना चाहिए ……इस तरह का दिखावा न करे कि 'अरे आपके लिए तो हमारे दिल में इन्तहा मोहबत है। हमने आपकी मोहबत देख ली है ……चलिए, हम मोहबत भूल जाए। हम हकीक़त का सामना करे । आप अपने से ही सवाल पूछे कि क्या आप सचमुच यहाँ टिके रहना चाहते है और हमारी मदद करना चाहते है या आप विद्वेषकारी हथकंडे अपनाना चाहते हो ……"
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